Goodnight takes on 26th evening and 27th evening of March 2015:
26th evening:
सुबह कुछ और गुनगुना रहा था, साम कुछ और बयान कर दिया
दिन अब उलझनों में भर गए हैं, सपने देखने का सजा मिल गया...
27th evening:
26th evening:
सुबह कुछ और गुनगुना रहा था, साम कुछ और बयान कर दिया
दिन अब उलझनों में भर गए हैं, सपने देखने का सजा मिल गया...
27th evening:
रातों के नींद और दिन का चैन खो दिये थे जिसे करने हासिल में
वह मंजील मिल तो गया जरूर, पर खालीपन अभी भी भरा हुआ है दिल में
किसीने कहा सही है, इंसान गुमराह है गगन से भी असीम चाह की दलदल में.
वह मंजील मिल तो गया जरूर, पर खालीपन अभी भी भरा हुआ है दिल में
किसीने कहा सही है, इंसान गुमराह है गगन से भी असीम चाह की दलदल में.
Bimal Prasad Pandia
1.14 AM, March 28, 2015
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